Tuesday, May 12, 2020

साथी पत्रकार के समर्थन मे जुटे शहर के पत्रकार, केंद्रीय मंत्री, कैबिनेट मंत्री व उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा


जिला उपायुक्त श्री यशपाल यादव को ज्ञापन सौंपते पत्रकार

केंद्रीय मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर को ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकार
कैबिनेट मंत्री श्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकार
13 मई, फरीदाबाद। फूलसिंह चौहान/ नितिन बंसल। जिले के एक पत्रकार के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर पुलिस हिरासत में उसे थर्ड डिग्री टार्चर देने के खिलाफ फरीदाबाद के पत्रकारों ने न्यायिक जांच की मांग को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव अजय गौड़ एवं जिला उपायुक्त यशपाल यादव को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर शहर के कई पत्रकार मौजूद थे। इन सभी को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से पत्रकारों ने कहा कि हरियाणा अब तक न्यूज पोर्टल के मुख्य संपादक पुष्पेंद्र राजपूत के खिलाफ थाना सेंट्रल सैक्टर 12 में अनैतिक रूप से जघन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जबरन व अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है। यह मामला बिना कोई जांच किए 9-5-2020 दिन शनिवार को गंभीर धाराओं के तहत दर्ज करके गलत तरीके से पुलिस द्वारा पुष्पेंद राजपूत को गिरफ्तार कर लिया गया। यह मुकदमा इसलिए दर्ज किया गया था कि पुष्पेंद्र राजपूत ने एनआईटी इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में स्थित फ्रेंडस ऑटो इंडस्ट्रीज नामक फैक्ट्री में मजदूरों को वेतन ना देने व मजदूरों के चैक बाऊंस होने से संंबंधित खबर दिखाई थी। इस फैक्ट्री में श्रमिक लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। यह फैक्ट्री मालिक अपनी ऊंची पहुंच के चलते हरियाणा सरकार के तमाम कायदे कानूनों को ठेंगे पर रखे हुए है। इस खबर को दिखाने से खफा होकर फैक्ट्री मालिक सरबजीत चावला व उनके पिता अमरजीत सिंह चावला ने पुष्पेंद्र राजपूत के खिलाफ पुलिस से मिलीभगत करके षंडयत्र रचा और पत्रकार पुष्पेंद्र राजपूत को रिश्वत के झूठे मामले में गिरफ्तार करवा दिया। मुख्य बात तो यह है कि रिश्वत के किसी भी मामले में गिरफ्तारी के समय डयूटी मजिस्टे्रट की नियुक्ति होती है, मगर इस मौके पर ऐसे किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने स्पष्ट नियम बनाया है कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ आने वाली शिकायत पर पहले डीसीपी स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी, पंरतु इस मामले में भी इस नियम को दरकिनार किया गया है। इसके अलावा पत्रकार पुष्पेंद्र राजपूत के खिलाफ दर्ज एफआईआर में फैक्ट्री मालिक को जान से मारने की धमकी देने की धारा भी लगाई गई है। यानि कि पत्रकार एक तरफ रिश्वत मांग रहा था और दूसरी तरफ फैक्ट्री मालिक को धमकी दे रहा था। इससे साफ प्रतीत होता है कि यह मामला पूरी तरह से झूठा और षडंयत्र के तहत ही दर्ज करवाया गया है। पत्रकारों द्वारा दिए गए ज्ञापन पर केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा एवं जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने आश्वासन दिया है कि वह इस प्रकरण की उचित जांच करवाई जाएगी। इसकी पूरी जानकारी सरकार तक भेजी जाएगी।


1 comment:

  1. अच्छी बात है एकता।। परंतु वर्तमान परिस्थितियों को देखतें हुए क्रप्या सोशल डिस्टेनसिंग का ध्यान भी जरूरी है...... 🙏

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