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कैप्शन : बल्लभगढ़ शहर की सडक़ पर बैठी गाय। छाया : नितिन बंसल
गौशालाओं में क्षमता से अधिक गौवंश, निगम का अनुदान साबित हो रहा नाकाफी
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। सडक़ पर घूम रहे आवारा गोवंश और जानवरों के रखरखाव का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। लगातार गौशाला और अन्य सामाजिक संस्थाएं इस समस्या का समाधान करने की दावे जताती हैं लेकिन यह सभी वादे केवल जुमले बनकर रह जाते हैं। सडक़ पर घूम रहे हादसों को नियंत्रण देने वाले बेसहारा पशुओं को रखने के लिए नगर निगम ने तीन गौशालाओं से अनुबंध किया है लेकिन तीन गौशाला में क्षमता से अधिक पशुओं को रखा गया है। इसकी वजह से ने केवल गौशाला को परेशानी पड़ रही है बल्कि उनकी व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। निगम की ओर से जो अनुदान इन गौशालाओं के संचालकों को दिया जाता है। पशुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए वह रकम काफी कम पड़ती है। ऊंचा गांव गौशाला के संचालक रूपेश यादव का कहना है कि उन्होंने जगह के लिए लेटर भी लिखा हुआ है और उन्हें जगह भी बताई गई थी लेकिन अभी तक नगर निगम द्वारा उनको जगह नहीं दी गई है जिस कारण से पशुओं को रखना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। साथ ही जो अनुदान राशि नगर निगम ने रखी थी वह भी पशुओं के भरण पोषण के लिए कम पड़ती है। हमने ज्यादा अनुदान राशि की रिक्वेस्ट लगाई हुई है लेकिन अभी तक निगम द्वारा अनुरोध दान राशि को ना तो बढ़ाया गया और ना ही उन्हें जगह मुहैया करवाई। गांव संचालकों का कहना है कि निगम को अनुदान राशि को 3 गुणा करना चाहिए ताकि वह पशुओं का रखरखाव सही तरीके से कर सकें। गौ संचालकों के अनुसार केवल दुधारू पशुओं को ही उनके मालिक छुड़ाने के लिए आते हैं बाकी पशु गौशाला में सालों तक रहते हैं। गौशाला संचालक कहते हैं कि निगम को करीब 10 गौशालाओं से अनुबंध करना चाहिए तब तक जाकर सडक़ पूरी तरीके से प्रश्नों से फ्री हो जाएगी अन्य गौशालाओंं से भी पशुओं का भार काम होगा। हालांकि शहर स्थानीय निकाय मंत्री की ओर से आदेश दिया गया था कि अगर जिले में गौशाला पूरी भर जाती है तो दूसरी जिले की गौशाला में पशुओं को भेजा जाना चाहिए। शहर की तीन गौशालाओं में पशु भेजने को लेकर निगम की ओर से हर माह 17 लाख रुपए खर्च किए जाते है। इनमें गोपाल गौशाला, नंदीग्राम गौशाला, गौ मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित ऊंचा गांव गौशाला गौ रक्षा मवई सूरजकुंड इन तीनों गौशाला में निगम की ओर से पशुओं की संख्या के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। अनुदान देने के लिए हर गौशाला संचालकों को चारों और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होने का बिल निगम को देना पड़ता है लेकिन यह राशि काफी कम साबित होती है। शहर के समाजसेवी और अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के सदस्य राजेश सिंगला का कहना है कि बल्लमगढ़ के में बाजार में आवारा पशु और गायों के होने की वजह से कई बार लोग दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं। इसकी शिकायत उन्होंने कई बार निगम प्रशासन को दिए लेकिन कोई भी समाधान नहीं हुआ है। बल्लमगढ़ विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार रही पराग शर्मा ने कहा कि चुनाव के दौरान बल्लमगढ़ के मौजूदा विधायक मूलचंद शर्मा ने कहा था कि वह विधायक बनते ही गौशाला को जमीन मौर्य करवाएंगे और रोड पर घूम रहे आवारा गोवंशों को रखने की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाएगी लेकिन विधायक बनने के बाद अभी तक उनके द्वारा यह कार्य नहीं हुआ है।
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कैप्शन : विश्व प्रसिद्व कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भजन गाते हुए। छाया : नितिन बंसल
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कैप्शन : आईएमटी में कथा सुनने पहुंचे शिवभक्त। छाया : नितिन बंसल
शिव भक्ति में झूमे लाखों शिवभक्त, लोगों ने किए प्रदीप मिश्रा के दर्शन
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। बल्लभगढ़ शहर में पहली बार प्रदीप मिश्रा द्वारा विशाल कथा का आयोजन किया जा रहा है इसके तीसरे दिन हजारों की संख्या में लोग महाराज के दर्शन और कथा को सुनने के लिए आ रहे हैं यहां तक की कथा को सुनने के लिए लोग मंडप के बाहर ही बैठकर कथा सुन रहे हैं महाराज जी ने लोगों को एक ही मंत्र दिया हुआ है "ओम शिवाय नमस्तुभ्यं"
ओ देवा ओ देवा-महादेवा सारी उम्र करूं तेरी सेवा, बाबा जी मेरी लाज रखना......
सब मोह-माया,शिव को समर्पित किया हुआ जल जरूर बदलेगा तुम्हारा कल
देवा ओ देवा महादेवा-महादेवा सारी उम्र करूं तेरी सेवा, बाबा जी मेरी लाज रखना आज जैसे ही विश्व प्रसिद्व कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सिहोर वाले ने कथा में यह गीत गाया तो कथा पंंडाल में पहुंचे शिवभक्त अपने स्थानों से खडें होकर नाचने और गाने लगे। वहीं पंडाल मेें शिवभक्तो द्वारा एक सुर में गाएं गए भजन से एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा हो गई। बुधवार को स्कन्देश्वर शिवपुराण का गुणगान किया गया। उक्त वाक्या फरीदाबाद के उद्योगपति द्वारा प्रवीण पाराशर एवं हेमलता पाराशर आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहें। जैसा कि बताया गया कि इससे पूर्व भी प्रवीण पाराशर एक अन्य कथा भी आयोजित कर चुके है। इस कड़ी में विश्व ख्याती प्राप्त पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जब भी हम भगवान शिव का गुणगान करते हैं तो भगवान शिव हमें थोड़ा सा धक्का मार देते हैं और हमारी नैया पार हो जाती है। वहीं अगर आप किसी लक्ष्य को लेकर बैठतें है साथ ही हम प्रार्थना करते हंै तो शिव पुराण की कथा कहतीं है कि अगर वह कार्य नहीं बनता है तो भगवान शिव का धन्यवाद देना चाहिए,क्योंकि हो सकता है हमारे लिए इससे भी अच्छा सोचा हुआ हो। हमारे में मन कभी भी नकारात्मक भाव नहीं आने चाहिए। वहीं उन्होंने शिव कथा को सुनने वाले लोगों से कहा कि आप अपने मन में भाव लेकर भगवान शिव और पार्वती माता हमारे माता-पिता है। वहीं उन्होंने सच्चे सुख का वर्णन करते हुए कहा कि जितने भी पैसे वाले बैठें हो तो उनसे पूछना बड़े और छोटे में क्या फर्क है। लेकिन बड़े तनाव में है लेकिन देखना छोटा व्यक्ति अधिक खुश मिलेगा। बड़े को तनाव,परेशानी रहेगी, लेकिन छोटा खुश है। आप रोड़ पर कितना भी टैक्स जमा कर दो लेकिन रोड पर रह नहीं सकते हैं, उसी प्रकार संसार के लिए परिवारख्कुंटुब, बेटा-बेटी ,अपने पराएं के लिए कितना भी कर दो आखिर में ताना सुनने को अवश्य मिलेगा। जबकि शिव पुराण की कथा कहतीं है अगर आपने शंकर को गलती से भी एक लोटा जल समर्पित किया है तो तुम्हारें द्वारा चढाया गया एक लोटा जल आपका कल जरूर बदलेगा और वह जल तुम्हें अवश्य फल देगा।
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कैप्शन : बल्लभगढ़ उपमंडल कार्यालय में गंदगी का दृश्य। छाया : नितिन बंसल
बल्लभगढ़ उपमंडल कार्यालय पर गंदगी का बोलबाला
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। बल्लमगढ़ के उपमंडल कार्यालय का सफाई व्यवस्था सही होने का नाम नहीं ले रही। बल्लमगढ़ कार्यालय में पहली गंदगी की खबर हमने 2 महीने पूर्व समाचार पत्र में छपी थी उसके बाद कुछ दिन तो सफाई व्यवस्था सही रही लेकिन अब 2 महीने बाद जब हमने कार्यालय का निरीक्षण किया तो कार्यालय में कूड़े के ढेर लगे हुए थे। साथ ही शौचालय को ही कूड़ा दान बना दिया गया है, पीने की पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, आर ओ लगा तो है लेकिन चलता नहीं है। अव्यवस्थाओं का आलम है। उप मंडल कार्यालय की नई बिल्डिंग का निर्माण अभी 3 साल ही हुआ है लेकिन इसका रखरखाव सही नहीं हो पा रहा है। उप मंडल कार्यालय की बिल्डिंग में पुलिस विभाग के अधिकारियों के दफ्तर भी हैं। इसके बावजूद भी इस कार्यालय की सफाई व्यवस्था बेकार हो चुकी है। साथ ही शौचालय में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, इस कार्यालय की बिल्डिंग में तहसीलदार भी बैठता है और रोजाना लगभग काफी लोग अपने कामकाज करने आते हैं और यहां पर आर ओ का प्लांट तो लगा रखा है लेकिन आर ओ चलता ही नहीं है अधिकारी इस और कोई ध्यान नहीं देते। यह एक लचर कार्य पद्धति को दर्शाता है।
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कैप्शन : बल्लभगढ़ के सरकारी स्कूलो में खाना खाते बच्चे। छाया : नितिन बंसल
सर्दियों में बच्चों को मिड डे मील में दिया जाएगा मोटा अनाज
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा सर्दियों के आगमन को देखते हुए जितने भी राज्य में सरकारी स्कूल है उनमें बच्चों के पोषण के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि सर्दियों में बच्चों को मिड डे मील में मोटा अनाज दिया जाएगा। इसमें बच्चों को बाजरे की खिचड़ी भी दी जाएगी ताकि शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ सके और बच्चे स्वस्थ रह सके। विभाग ने एक माह के चारों सप्ताह के लिए अलग-अलग मेनू तैयार किया है। इस मेन्यु में बाजरे की खिचड़ी को भी रखा गया है, विभाग के अधिकारी का कहना है कि मोटा अनाज खाने से बच्चों को सर्दियों में बीमारियों से लडऩे की ताकत आती है और वह पूरी तरह निरोग रह सकते हैं। सर्दियों में बच्चे अक्सर बीमार रहने के चलते स्कूल में अनुपस्थित रहते हैं जिससे उनका क्लास का सिलेबस समय पर पूरा नहीं हो पता है। इसका प्रभाव उनके परीक्षा परिणाम पर होता है। जिले के राजकीय स्कूलों में करीब 1100 कुक खाना तैयार करते हैं जो पहले से आठवीं तक के 8000 बच्चों को दिया जाता है। बल्लमगढ़ के जितने भी सरकारी स्कूल है उनको मॉडल एजुकेशन कर दिया गया है और साफ सफाई की पूरी तरह व्यवस्था रखी जाती है। साथ ही शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों के भजन की जिम्मेदारी हमारी होती है इसलिए स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील की रिपोर्ट प्रतिदिन शिक्षा विभाग को पता नहीं होगी, रिपोर्ट में जानकारी होगी कि बच्चों को मेनू में क्या दिया गया है। मेनू पदों से जाने से पहले स्कूल मुखिया खुद भी खाकर देखना होगा कि वह सही तरीके से बनाया गया है या नहीं क्योंकि बच्चों को दिए जाने वाली मिठाई में गड़बड़ी की शिकायत विभाग पर पहुंच गई है इसलिए वह ध्यान रखते हैं क्या स्कूलों में लापरवाही से मिल तैयार किया जाता है। इस रिपोर्ट को विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगा ताकि बच्चे बीमार ना हो और स्वस्थ रहें। बल्लभगढ़ शहर की गल्र्स विंग की सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा कि हम बच्चों के खाने का विशेष ध्यान रखते हैं ताकि बच्चों को जो भोजन मिल रहा है वह स्वच्छ और पौष्टिक हो।
कैप्शन : बल्लभगढ़ शहर की सडक़ पर बैठी गाय। छाया : नितिन बंसल
गौशालाओं में क्षमता से अधिक गौवंश, निगम का अनुदान साबित हो रहा नाकाफी
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। सडक़ पर घूम रहे आवारा गोवंश और जानवरों के रखरखाव का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। लगातार गौशाला और अन्य सामाजिक संस्थाएं इस समस्या का समाधान करने की दावे जताती हैं लेकिन यह सभी वादे केवल जुमले बनकर रह जाते हैं। सडक़ पर घूम रहे हादसों को नियंत्रण देने वाले बेसहारा पशुओं को रखने के लिए नगर निगम ने तीन गौशालाओं से अनुबंध किया है लेकिन तीन गौशाला में क्षमता से अधिक पशुओं को रखा गया है। इसकी वजह से ने केवल गौशाला को परेशानी पड़ रही है बल्कि उनकी व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। निगम की ओर से जो अनुदान इन गौशालाओं के संचालकों को दिया जाता है। पशुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए वह रकम काफी कम पड़ती है। ऊंचा गांव गौशाला के संचालक रूपेश यादव का कहना है कि उन्होंने जगह के लिए लेटर भी लिखा हुआ है और उन्हें जगह भी बताई गई थी लेकिन अभी तक नगर निगम द्वारा उनको जगह नहीं दी गई है जिस कारण से पशुओं को रखना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। साथ ही जो अनुदान राशि नगर निगम ने रखी थी वह भी पशुओं के भरण पोषण के लिए कम पड़ती है। हमने ज्यादा अनुदान राशि की रिक्वेस्ट लगाई हुई है लेकिन अभी तक निगम द्वारा अनुरोध दान राशि को ना तो बढ़ाया गया और ना ही उन्हें जगह मुहैया करवाई। गांव संचालकों का कहना है कि निगम को अनुदान राशि को 3 गुणा करना चाहिए ताकि वह पशुओं का रखरखाव सही तरीके से कर सकें। गौ संचालकों के अनुसार केवल दुधारू पशुओं को ही उनके मालिक छुड़ाने के लिए आते हैं बाकी पशु गौशाला में सालों तक रहते हैं। गौशाला संचालक कहते हैं कि निगम को करीब 10 गौशालाओं से अनुबंध करना चाहिए तब तक जाकर सडक़ पूरी तरीके से प्रश्नों से फ्री हो जाएगी अन्य गौशालाओंं से भी पशुओं का भार काम होगा। हालांकि शहर स्थानीय निकाय मंत्री की ओर से आदेश दिया गया था कि अगर जिले में गौशाला पूरी भर जाती है तो दूसरी जिले की गौशाला में पशुओं को भेजा जाना चाहिए। शहर की तीन गौशालाओं में पशु भेजने को लेकर निगम की ओर से हर माह 17 लाख रुपए खर्च किए जाते है। इनमें गोपाल गौशाला, नंदीग्राम गौशाला, गौ मानव सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित ऊंचा गांव गौशाला गौ रक्षा मवई सूरजकुंड इन तीनों गौशाला में निगम की ओर से पशुओं की संख्या के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। अनुदान देने के लिए हर गौशाला संचालकों को चारों और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च होने का बिल निगम को देना पड़ता है लेकिन यह राशि काफी कम साबित होती है। शहर के समाजसेवी और अग्रवाल विद्या प्रचारिणी सभा के सदस्य राजेश सिंगला का कहना है कि बल्लमगढ़ के में बाजार में आवारा पशु और गायों के होने की वजह से कई बार लोग दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं। इसकी शिकायत उन्होंने कई बार निगम प्रशासन को दिए लेकिन कोई भी समाधान नहीं हुआ है। बल्लमगढ़ विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार रही पराग शर्मा ने कहा कि चुनाव के दौरान बल्लमगढ़ के मौजूदा विधायक मूलचंद शर्मा ने कहा था कि वह विधायक बनते ही गौशाला को जमीन मौर्य करवाएंगे और रोड पर घूम रहे आवारा गोवंशों को रखने की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाएगी लेकिन विधायक बनने के बाद अभी तक उनके द्वारा यह कार्य नहीं हुआ है।
फोटो 7बंसल-2
कैप्शन : विश्व प्रसिद्व कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भजन गाते हुए। छाया : नितिन बंसल
फोटो 7बंसल-3
कैप्शन : आईएमटी में कथा सुनने पहुंचे शिवभक्त। छाया : नितिन बंसल
शिव भक्ति में झूमे लाखों शिवभक्त, लोगों ने किए प्रदीप मिश्रा के दर्शन
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। बल्लभगढ़ शहर में पहली बार प्रदीप मिश्रा द्वारा विशाल कथा का आयोजन किया जा रहा है इसके तीसरे दिन हजारों की संख्या में लोग महाराज के दर्शन और कथा को सुनने के लिए आ रहे हैं यहां तक की कथा को सुनने के लिए लोग मंडप के बाहर ही बैठकर कथा सुन रहे हैं महाराज जी ने लोगों को एक ही मंत्र दिया हुआ है "ओम शिवाय नमस्तुभ्यं"
ओ देवा ओ देवा-महादेवा सारी उम्र करूं तेरी सेवा, बाबा जी मेरी लाज रखना......
सब मोह-माया,शिव को समर्पित किया हुआ जल जरूर बदलेगा तुम्हारा कल
देवा ओ देवा महादेवा-महादेवा सारी उम्र करूं तेरी सेवा, बाबा जी मेरी लाज रखना आज जैसे ही विश्व प्रसिद्व कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सिहोर वाले ने कथा में यह गीत गाया तो कथा पंंडाल में पहुंचे शिवभक्त अपने स्थानों से खडें होकर नाचने और गाने लगे। वहीं पंडाल मेें शिवभक्तो द्वारा एक सुर में गाएं गए भजन से एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा हो गई। बुधवार को स्कन्देश्वर शिवपुराण का गुणगान किया गया। उक्त वाक्या फरीदाबाद के उद्योगपति द्वारा प्रवीण पाराशर एवं हेमलता पाराशर आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहें। जैसा कि बताया गया कि इससे पूर्व भी प्रवीण पाराशर एक अन्य कथा भी आयोजित कर चुके है। इस कड़ी में विश्व ख्याती प्राप्त पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जब भी हम भगवान शिव का गुणगान करते हैं तो भगवान शिव हमें थोड़ा सा धक्का मार देते हैं और हमारी नैया पार हो जाती है। वहीं अगर आप किसी लक्ष्य को लेकर बैठतें है साथ ही हम प्रार्थना करते हंै तो शिव पुराण की कथा कहतीं है कि अगर वह कार्य नहीं बनता है तो भगवान शिव का धन्यवाद देना चाहिए,क्योंकि हो सकता है हमारे लिए इससे भी अच्छा सोचा हुआ हो। हमारे में मन कभी भी नकारात्मक भाव नहीं आने चाहिए। वहीं उन्होंने शिव कथा को सुनने वाले लोगों से कहा कि आप अपने मन में भाव लेकर भगवान शिव और पार्वती माता हमारे माता-पिता है। वहीं उन्होंने सच्चे सुख का वर्णन करते हुए कहा कि जितने भी पैसे वाले बैठें हो तो उनसे पूछना बड़े और छोटे में क्या फर्क है। लेकिन बड़े तनाव में है लेकिन देखना छोटा व्यक्ति अधिक खुश मिलेगा। बड़े को तनाव,परेशानी रहेगी, लेकिन छोटा खुश है। आप रोड़ पर कितना भी टैक्स जमा कर दो लेकिन रोड पर रह नहीं सकते हैं, उसी प्रकार संसार के लिए परिवारख्कुंटुब, बेटा-बेटी ,अपने पराएं के लिए कितना भी कर दो आखिर में ताना सुनने को अवश्य मिलेगा। जबकि शिव पुराण की कथा कहतीं है अगर आपने शंकर को गलती से भी एक लोटा जल समर्पित किया है तो तुम्हारें द्वारा चढाया गया एक लोटा जल आपका कल जरूर बदलेगा और वह जल तुम्हें अवश्य फल देगा।
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कैप्शन : बल्लभगढ़ उपमंडल कार्यालय में गंदगी का दृश्य। छाया : नितिन बंसल
बल्लभगढ़ उपमंडल कार्यालय पर गंदगी का बोलबाला
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। बल्लमगढ़ के उपमंडल कार्यालय का सफाई व्यवस्था सही होने का नाम नहीं ले रही। बल्लमगढ़ कार्यालय में पहली गंदगी की खबर हमने 2 महीने पूर्व समाचार पत्र में छपी थी उसके बाद कुछ दिन तो सफाई व्यवस्था सही रही लेकिन अब 2 महीने बाद जब हमने कार्यालय का निरीक्षण किया तो कार्यालय में कूड़े के ढेर लगे हुए थे। साथ ही शौचालय को ही कूड़ा दान बना दिया गया है, पीने की पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, आर ओ लगा तो है लेकिन चलता नहीं है। अव्यवस्थाओं का आलम है। उप मंडल कार्यालय की नई बिल्डिंग का निर्माण अभी 3 साल ही हुआ है लेकिन इसका रखरखाव सही नहीं हो पा रहा है। उप मंडल कार्यालय की बिल्डिंग में पुलिस विभाग के अधिकारियों के दफ्तर भी हैं। इसके बावजूद भी इस कार्यालय की सफाई व्यवस्था बेकार हो चुकी है। साथ ही शौचालय में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, इस कार्यालय की बिल्डिंग में तहसीलदार भी बैठता है और रोजाना लगभग काफी लोग अपने कामकाज करने आते हैं और यहां पर आर ओ का प्लांट तो लगा रखा है लेकिन आर ओ चलता ही नहीं है अधिकारी इस और कोई ध्यान नहीं देते। यह एक लचर कार्य पद्धति को दर्शाता है।
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कैप्शन : बल्लभगढ़ के सरकारी स्कूलो में खाना खाते बच्चे। छाया : नितिन बंसल
सर्दियों में बच्चों को मिड डे मील में दिया जाएगा मोटा अनाज
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा सर्दियों के आगमन को देखते हुए जितने भी राज्य में सरकारी स्कूल है उनमें बच्चों के पोषण के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि सर्दियों में बच्चों को मिड डे मील में मोटा अनाज दिया जाएगा। इसमें बच्चों को बाजरे की खिचड़ी भी दी जाएगी ताकि शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ सके और बच्चे स्वस्थ रह सके। विभाग ने एक माह के चारों सप्ताह के लिए अलग-अलग मेनू तैयार किया है। इस मेन्यु में बाजरे की खिचड़ी को भी रखा गया है, विभाग के अधिकारी का कहना है कि मोटा अनाज खाने से बच्चों को सर्दियों में बीमारियों से लडऩे की ताकत आती है और वह पूरी तरह निरोग रह सकते हैं। सर्दियों में बच्चे अक्सर बीमार रहने के चलते स्कूल में अनुपस्थित रहते हैं जिससे उनका क्लास का सिलेबस समय पर पूरा नहीं हो पता है। इसका प्रभाव उनके परीक्षा परिणाम पर होता है। जिले के राजकीय स्कूलों में करीब 1100 कुक खाना तैयार करते हैं जो पहले से आठवीं तक के 8000 बच्चों को दिया जाता है। बल्लमगढ़ के जितने भी सरकारी स्कूल है उनको मॉडल एजुकेशन कर दिया गया है और साफ सफाई की पूरी तरह व्यवस्था रखी जाती है। साथ ही शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों के भजन की जिम्मेदारी हमारी होती है इसलिए स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील की रिपोर्ट प्रतिदिन शिक्षा विभाग को पता नहीं होगी, रिपोर्ट में जानकारी होगी कि बच्चों को मेनू में क्या दिया गया है। मेनू पदों से जाने से पहले स्कूल मुखिया खुद भी खाकर देखना होगा कि वह सही तरीके से बनाया गया है या नहीं क्योंकि बच्चों को दिए जाने वाली मिठाई में गड़बड़ी की शिकायत विभाग पर पहुंच गई है इसलिए वह ध्यान रखते हैं क्या स्कूलों में लापरवाही से मिल तैयार किया जाता है। इस रिपोर्ट को विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगा ताकि बच्चे बीमार ना हो और स्वस्थ रहें। बल्लभगढ़ शहर की गल्र्स विंग की सरकारी स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा कि हम बच्चों के खाने का विशेष ध्यान रखते हैं ताकि बच्चों को जो भोजन मिल रहा है वह स्वच्छ और पौष्टिक हो।
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