गाय हमारी माता है गाय के लिए हम हिंदू अपनी जान भी दे सकते हैं ऐसी बातें आपने अक्सर सुनी होंगी लेकिन असल जिंदगी में ऐसा नहीं है आपने अक्सर बेसहारा गायों को भोजन की तलाश में दर-दर भटकते देखा होगा लोग गायों के प्रति कितने संवेदन शून्य है ऐसा एक वाक्य सेक्टर 17 की मार्केट में नजर आया ओल्ड फरीदाबाद अहीरवाड़ा ओल्ड फरीदाबाद निवासी गौपालक बिट्टू यादव ने बताया कि कल सुबह
उनके पास एक फोन आया कि सेक्टर 17 की मार्केट में आसपास कई हॉस्पिटल है इनमें से कुछ अपना मेडिकल वेस्टेज मार्केट के एक कोने में डाल देते हैं जिसमें इंजेक्शन व कई जहरीले पदार्थ भी होते हैं ऐसा ही कोई जहरीला पदार्थ खा दो गाय बीमार हो गई खबर पाकर वह व उनकी टीम मौके पर पहुंची आनन-फानन में तड़पती गाय को एक गाय को एंबुलेंस जो लोगों द्वारा बुला ली गई थी मैं चढ़ाया लेकिन तब तक उस गाय की मृत्यु हो गई। उसे उतार दूसरी गाय को एंबुलेंस के जरिए गोपाल गौशाला पहुंचाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। फिलहाल उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जहां पर ये गाएं बुरी तरह से तड़प रही थी सामने एक कुत्तों का हॉस्पिटल भी है लेकिन वहां के पशु चिकित्सक ने गायों को मदद देने की जहमत नहीं उठाई स्थानीय लोग दुष्यंत नागर उनके साथी एडवोकेट गोयल इस कार्य में मदद के लिए सामने आए जिनकी मदद से एक गाय को जो मर चुकी उसे वहीं पास में ही जेसीबी बुलाकर दफना दिया गया। इस घटना को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है। गौपालक बिट्टू यादव ने मांग की है कि प्रशासन इन स्थानीय हॉस्पिटलों को नजर रखें ताकि ये अपना मेडिकल वेस्ट यूं ही इधर उधर नहीं फेंके व दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति ना हो।
उनके पास एक फोन आया कि सेक्टर 17 की मार्केट में आसपास कई हॉस्पिटल है इनमें से कुछ अपना मेडिकल वेस्टेज मार्केट के एक कोने में डाल देते हैं जिसमें इंजेक्शन व कई जहरीले पदार्थ भी होते हैं ऐसा ही कोई जहरीला पदार्थ खा दो गाय बीमार हो गई खबर पाकर वह व उनकी टीम मौके पर पहुंची आनन-फानन में तड़पती गाय को एक गाय को एंबुलेंस जो लोगों द्वारा बुला ली गई थी मैं चढ़ाया लेकिन तब तक उस गाय की मृत्यु हो गई। उसे उतार दूसरी गाय को एंबुलेंस के जरिए गोपाल गौशाला पहुंचाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। फिलहाल उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जहां पर ये गाएं बुरी तरह से तड़प रही थी सामने एक कुत्तों का हॉस्पिटल भी है लेकिन वहां के पशु चिकित्सक ने गायों को मदद देने की जहमत नहीं उठाई स्थानीय लोग दुष्यंत नागर उनके साथी एडवोकेट गोयल इस कार्य में मदद के लिए सामने आए जिनकी मदद से एक गाय को जो मर चुकी उसे वहीं पास में ही जेसीबी बुलाकर दफना दिया गया। इस घटना को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है। गौपालक बिट्टू यादव ने मांग की है कि प्रशासन इन स्थानीय हॉस्पिटलों को नजर रखें ताकि ये अपना मेडिकल वेस्ट यूं ही इधर उधर नहीं फेंके व दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति ना हो।
फरीदाबाद से फूल सिंह चौहान की रिपोर्ट
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