Friday, April 10, 2020

लॉक डाउन में बल्लभगढ़ की विभिन्न सामाजिक संस्थाएं गरीबों को भोजन व राशन करा रहीं हैं उपलब्ध

बल्लभगढ़ की सामाजिक संस्था "सवान कृपा रूहानी मिशन" द्वारा गरीबों को रोजाना खाना दिया 
जाता है

बल्लभगढ़ नितिन बंसल,फूलसिंह चौहान।

 बल्लभगढ़ व फरीदाबाद शहर में कोरोना जैसी महामारी लड़ने  के लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर गरीबों की मदद करना चालू कर दिया है जिनमें से बल्लभगढ़ की एक सामाजिक संस्था संत राजिंदर सिंह जी महाराज के निर्देश पर भारतवर्ष के 300 से अधिक केन्द्रों पर Covid 19 के संकट काल में अपनी जान की परवाह किए बिना सेवादार लोगों को भोजन तथा ज़रूरी सामान देकर सेवा कर रहे हैं । मिशन और भी कई प्रकार से सेवा जैसे रक्तदान , अंगहीन लोगों को कृत्रिम अंग , वीलचेयर , सिलायी मशीन तथा प्राकृतिक आपदाओं में चिकित्सा सुविधा तथा दवाइयों से मानवता की सेवा करता आया है।
बल्लभगढ़ की शाखा   Covid 19 के इस संकट काल में दिनांक 22/3/2020 से जो मजदूर लॉक डाउन में फंश गए थे तो  जरूरत मंदो को लगभग 600 पैकेट रोज पहुंचाए जा रहे हैं। जिसमें कि आलू, पूरी, दाल, चावल, खिचड़ी तथा बच्चो के लिए बिस्कुट और टॉफी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सेक्टर-62,63,64,65 की लेबर और झुग्गियों में रहने वाले गरीब लोग तथा दौलत राम, लेबर कॉलोनी, सेक्टर-58 या कोई भी आराम से हमारे आश्रम से अपने लिए खाना ले सकता है। यह सेवा लॉक डाउन के दौरान 14/04/2020 तक रहेगी या इसके आगे प्रशासन के आदेश के अनुसार करते रहेंगे। यह सेवा महाराज जी की दया और संगत के सहयोग से चल रही है। इस संकट की घड़ी में आश्रम के सेवादार बड़ी मेहनत और लगन से गरीबों की सेवा कर रहे हैं।  इसके बाद भी यदि किसी जरूरत मंद को भोजन की तलाश हो तो वह हमारे आश्रम को गुगल मैप में SKRM Ballabhgarh भी खोजकर आश्रम से भोजन ले सकता है। मै आपको बताना चाहता हूं कि हमारे बल्लभगढ़ के आश्रम में सेवादार सुबह 9.00 बजे से खाना बनाना शुरू कर देते हैं यदि कोई सीधे खाना आश्रम से लेना चाहता है तो वह ले सकता है।

सावन कृपाल रूहनी मिशन की स्थापना सूफ़ी संत दर्शन सिंह जी महाराज ने सन 1976 में अपने आध्यात्मिक गुरु बाबा सावन सिंह जी महाराज तथा परम संत कृपाल सिंह जी के नाम पर रखा था। दर्शन सिंह जी महाराज ने अपने कार्यकाल में 50 भाषाओं में आध्यात्मिक साहित्य  का अनुवाद कराया । आप एक जाने माने सूफ़ी कवि थे और अपने समय पर उर्दू अकादमी की ओर से आपको कई पुरस्कार मिले ।  आपने संत मत को सकारात्मक अध्यात्म कहा । इसका अर्थ यह है कि इंसान अपनी ज़िम्मेदारी को अच्छी तरह निभाते हुए अपने परिवार, समाज ,देश और विश्व में अपने योगदान  हेतु  आत्मिक बुलंदी को पा सकता है। इस मिशन के वर्तमान सदगुरु संत राजिंदर सिंह जी महाराज एक जाने माने वैज्ञानिक और दूर संचार प्रणाली के विशेषज्ञ हैं और विश्व भर में संत मत को सरल तथा आधूनिक रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं। संत कृपाल सिंह जी महाराज ने आध्यात्म और विज्ञान के बीच सम्मवाद का जो सिलसिला शुरू किया था और जिसे संत दर्शन सिंह जी महाराज ने आगे बढ़ाया था उस कार्य को आप तीव्र गति से आगे बढ़ा रहे हैं । कुरावर से लड़ने के लिए ऐसी ही सामाजिक संस्थाओं को आगे आना पड़ेगा।

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