"काम हुआ ३० करोड़ का पेमेंट कर दी 80 करोड़ की नगर निगम अधिकारियो ने''
समाजसेवी नीरज ने सीएम विंडो व फरीदाबाद नगर निगम कमिश्नर, डीजीपी विजिलेंस पर शिकायत देकर किया बड़ा खुलासा
बल्लबगढ़ की चावला कॉलोनी में रहने वाले नीरज ने सीएम विंडो, नगर निगम कमिश्नर, डीजीपी विजिलेंस तथा हरियाणा के गृहमंत्री शिकायत देकर नगर निगम में हो रहे घपलेबाजी का आरोप लगाया है। नीरज का आरोप है कि नगर निगम के सीनियर अकाउंट ऑफिसर विशाल कौशिक व उसके साथी अधिकारी तथा कर्मचारियों ने 30 करोड रुपए के हुए काम का 80 करोड रुपए का भुगतान कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पहले भी इस अधिकारी ने नगर निगम को करोड़ों अरबों रुपए का चूना लगाने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इसके पास बेनामी संपत्तियां तथा लग्जरी गाड़ियां बेशुमार है। अगर जांच की जाए तो शिकायतकर्ता
आरोप सही पाए जाएंगे।सीएम विंडो पर लगाई गई शिकायत में नीरज ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में सरकार विकास कार्य करवाने के लिए बेहद गंभीर है लेकिन नगर निगम के अधिकारी मिलीभगत से निगम को चाटने में लगे हुए हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि निगम के सीनियर अकाउंट अफसर विशाल कौशिक और उसके साथी अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से कई ठेकेदारों को 30 करोड़ के काम के बदले 80 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। यह बात केवल मुंह जवानी नहीं बल्कि सरकारी रिकॉर्ड में है। सरकारी रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो इस घोटाले का खुलासा हो सकता है। जिन ठेकेदारों को यह पेमेंट ड्र भेजी गई है उनमें जीएन कंस्ट्रक्शन (ठेकेदार रणवीर सिंह) को 3 करोड़ 31 लाख 28 हजार 222 रुपए, इसी ठेकेदार रणबीर सिंह की कंपनी को चार करोड़, 75 लाख, 3 हजार, 630 रुपए, एमएल इंटरप्राइजेज (ठेकेदार प्रदीप निझावन) कंपनी को 10 करोड़, 53 लाख 91 हजार 843 रुपए का भुगतान किया गया। इसी तरह प्रवीण कुमार को 15 करोड़, 74 लाख, 88 हजार, 700 रुपये, प्रिया कंस्ट्रक्शन कंपनी (ठेकेदार चमन नागर) को 20 करोड़ 52 लाख, 35 हजार 107 रुपए तथा संजय कंस्ट्रक्शन कंपनी को 26 करोड़, 42 लाख, 34 हजार, 525 रुपये, एके एंटरप्राइजेज फर्म (ठेकेदार अजय कौशिक) को नगर निगम के अधिकारियों ने कुल 5 करोड, 29 लाख, 298 रुपए की पेमेंट की है, जिसमें 4 करोड़, 84 लाख 7240 रुपए एक बार तथा दूसरी बार 94 लाख 43 हजार 58 रुपए का भुगतान नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया। शिकायतकर्ता ने यह शिकायत डीजीपी स्टेट विजिलेंस हरियाणा और स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज तथा नगर निगम के कमिश्नर डॉ यश गर्ग को भी की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस अधिकारी के खिलाफ दर्जनों पूर्व में की गई शिकायतें पेंडिंग है जिनका संबंधित अधिकारियों ने आज तक ना तो जांच की और ना ही जांच के निष्कर्ष पर पहुंचे। नीरज ने बताया कि यह तो केवल एक मामला है अगर यह अधिकारी से पूछताछ की जाए और इसकी जांच की जाए तो और भी कई घोटालों का खुलासा हो सकता है। नीरज ने हरियाणा के मुख्यमंत्री गृहमंत्री डीजीपी विजिलेंस तथा नगर निगम कमिश्नर से इस अधिकारी की जांच करवाने की मांग की है।
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