Tuesday, May 19, 2020

"ना कोई आदेश ना कोई निर्देश, फिर भी खुल रहा है पूरा बाजार"


बल्लभगढ़, नितिन बंसल। लॉकडाउन-4 की शुरूआत होते ही मानो पूरे बल्लभगढ़ शहर की दुकानें व शोरूम खुलने शुरू हो गए हो। ऐसा लगता ही नहीं कि लॉकडाउन है या सब नार्मल हो गया है। शहर के बाजारों में भीडभाड कोई सोशल डिस्टेंसिग नहीं, लोगों में बीमारी के प्रति कोई भय ही नहीं रह गया है। ऐसा लगता है कि मानो लोग इस महामारी को हवा देने का कारा बन सकते हैं। लॉक डाउन 4 के पहले दिन फरीदाबाद में कोरोना मरीजों की 11 केस सामने आए जिससे यह लगता है कि आने वाले दिनों में यह एक विकराल रूप धारण कर लेंगे। सेंटर गवर्नमेंट स्टेट गवर्नमेंट ने आदेश जारी किए थे कि वे ,अपनी सुविधा के अनुसार लॉकडाउन के दिशा निर्देश जारी करें लेकिन अभी तक उपायुक्त द्वारा व कमिश्रर द्वारा किसी भी तरह की दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए और बाजारों में पहले की तरह आवागमन चालू हो गया है जो इस महामारी को फैलने का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि उनके पास ऊपर से कोई भी आदेश नहीं आई इसलिए वह दुकानदारों को दुकान खोलने से नहीं रोक सकते।  सरकार की कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन-4 शुरू हो चुका है, इसके बावजूद फरीदाबाद में परमिशन दिलाने के नाम पर एक ऐसा गिरोह सक्रिय हो गया है, जिसने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। किसी ने दुकान खोलनी हो या फिर शहर से बाहर जाना हो। उहें कुछ रुपए खर्च करने होंगे और तुरंत परमिशन भी मिल जाएगी। बताया गया है कि इस काम में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जोकि ऑनलाईन परमिशन के लिए आवेदन करता है और वहीं आवेदन को स्वीकृत भी करवा लेता है। प्रत्येक परमिशन के लिए तीन हजार रुपए तक लिए जाने की खबर है। ऐसे ही कुछ लोगों ने बताया कि उनके कुछ मिलने वालों ने तीन हजार रुपए देकर परमिशन करवाई है। वहीं मार्केट एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारी नाम ना छापने की शर्त पर बताते हैं कि कई बड़े शोरूम मालिक कैसे परमिशन लेकर अपने शोरूम खोले बैठे हैं। इनमें कपड़े व अन्य बड़े शोरूम शामिल हैं। इसके लिए उन्होंने क्या तिकड़म लड़ाई होगी, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है।  हालांकि अभी तक जिला प्रशासन की ओर से केवल जरूरी वस्तुओं की दुकानें खोलने की ही अनुमति है। इनमें भी राशन, दूध, किताब और इलेक्टिक वस्तुओं को रिपेयर करने से संबंधित हैं। मगर इनकी आड़ में जिले के कई बाजारों में लोग दुकान खोलकर बैठ गए हैं। यही नहीं बल्कि एनआईटी नंबर 1 ,5  तथा सैक्टर 9 व 10 और अन्य कई सैक्टरों  में तो कपड़ों के कई शोरूम सहित और दुकानें भी खुल गई हैं। पुलिस का कहना है कि जिनके पास परमिशन है, वह उन्हें बंद नहीं करवा सकते। इससे बाकि दुकानदार नाराज हैं, उनका कहना है कि यह तो सौतेला व्यवहार है। नियम सबके लिए बराबर होने चाहिएं। इनमें से अनेक दुकानदारों ने प्रशासन के समक्ष आपत्ति भी जताई है, मगर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। वहीं सूत्रों ने बताया कि शहर से बाहर किसी भी प्रदेश में जाने के लिए परमिशन का खेल पिछले काफी समय से चल रहा है। विभाग के कुछ कर्मचारी, दलालों के साथ यह धंधा चला रहे हैं। हालांकि प्रशासन के बड़े अधिकारियों के पास शिकायत भी पहुंच रही हैं, मगर अभी तक इस धंधे में कोई रूकावट नहीं आई है। इस तरह से लॉकडाऊन में दुकान खोलने या फिर परमिशन से संबंधित धंधा एक मजाक बनकर रह गया है। प्रशासन को अपने स्तर पर इसकी जांच करवानी चाहिए और अब तक जारी की गई परमिशन को लेकर यह भी चैकिंग की जानी चाहिए कि क्या वास्तव में जरूरतमंद को ही परमिट मिले हैं, या इसमें जमकर धांधली हुई है।



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