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समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार तथा डिजाइनटेक सिस्टम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास खानवेलकर। |
यह विश्वविद्यालय की ऑगमेंटेड रियलिटी और इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी) जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी को लेकर औद्योगिक सहभागिता में पहली परियोजना है। समझौता ज्ञापन पर जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार और डिजाइनटेक सिस्टम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास खानवेलकर ने हस्ताक्षर किये। यह केन्द्र जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. शमीम अहमद जो विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य के रूप में कार्य कर रहे है, और डॉ. एस.के. अग्रवाल की देखरेख में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के तहत विकसित किया जा रहा है।
डॉ. अहमद ने बताया कि इस साझेदारी का उद्देश्य विद्यार्थियों को औद्योगिक अनुभव और सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र विकसित करना है, ताकि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ऑगमेंटेड रियलिटी और इंटरनेट आफ थिंग्स से संबंधित वास्तविक समाधान उद्योगों को प्रदान कर सके। प्रारंभ में, इस केंद्र के तहत दो अत्याधुनिक आईओटी और ऑगमेंटेड रियलिटी लैब स्थापित की जा रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए, कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने कहा कि ऑगमेंटेड रियलिटी में तेजी से उभरती प्रौद्योगिकी है, जिसमें कैरियर की अपार संभावनाएं है। यह प्रौद्योगिकी विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादकता, दक्षता और सुरक्षा में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के बाद से उद्योगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कार्यबल उपलब्ध करवाने के लिए विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के उन्नत क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने में आगे रहा है। इस प्रकार, समझौता के माध्यम से, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी विश्वविद्यालय द्वारा अपने पाठ्यक्रम को व्यवहारिक बनाने के लिए उद्योग के साथ मिलकर काम करने के अपने ध्येय को दर्शाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विश्वविद्यालय से निकलने वाले स्नातक रोजगार के लिए तैयार हों।
डिजाइनटेक के प्रबंध निदेशक श्री विकास खानवेलकर ने कहा कि यह समझौता विनिर्माण उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने में मददगार होगा और विद्यार्थियों की उन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बनाएगा जो उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में सही मार्गदर्शन करेंगे। आईओटी और ऑगमेंटेड रियलिटी लैब की स्थापना से विद्यार्थियों को नई अत्याधुनिक तकनीकों को सीखने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, विद्यार्थी पीटीसी विश्वविद्यालय के उन्नत प्रेसिजन लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का अनुभव भी प्राप्त कर सकेंगे।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्षा डॉ. नीलम तुर्क, मैकेनिकल इंजीनियरिंग की अध्यक्षा डॉ. तिलक राज, कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. कोमल कुमार भाटिया और कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अतुल मिश्रा, और डिलाइनटेक से, वाइस प्रेजीडेंट रोहित अरोड़ा, सीनियर जनरल मैनेजर अभिषेक शुक्ला, और पीटीसी विशेषज्ञ श्री सुधीर नाइक और तुषार घोष भी उपस्थित थे।
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समझौते को प्रदर्शित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार तथा डिजाइनटेक सिस्टम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास खानवेलकर। |
ऑगमेंटेड रियलिटी क्या है?
ऑगमेंटेड रियलिटी एक ऐसी तकनीक है जो वास्तविक दुनिया को डिजिटल जानकारी और मीडिया से समृद्ध करती है, जैसे कि 3डी मॉडल और वीडियो, स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर या कनेक्टेड चश्मे के कैमरे के दृश्य को वास्तविक समय में दर्शाती है। यह हमारे आसपास के वातावरण को वास्तविक समय में, वास्तविक दुनिया में आभासी वस्तुओं को रखकर एक डिजिटल इंटरफेस में बदल देता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी आने वाले समय में विनिर्माण उद्योग के लिए क्रांतिकारी प्रौद्योगिकी है। विनिर्माण क्षेत्र में ऑगमेंटेड रियलिटी के साथ, निर्माण संचालन कर्मचारी मशीन से संबंधित सभी समस्याओं को सीधे मैनटेनेंस टीम एवं इंजीनियर को दिखाने में सक्षम होंगे। इसके माध्यम से वे वास्तविक समय में प्रमुख प्रदर्शन संकेतक भी देख सकते हैं और साथ ही उत्पादन में हस्तक्षेप किए बिना समस्या का निदान और समाधान कर सकते हैं क्योंकि ऑगमेंटेड रियलिटी मशीन को वास्तविक परिदृश्य में बदल देती है और औद्योगिक उपकरण का समस्या का निवारण किया जा सकता है।
: फूलसिंह चौहान की रिपोर्ट /LIVE NEWS MANTRA
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