फोटो कैप्शन : बल्लभगढ़ प्रदूषण व कोहरे का दृश्य। छाया : नितिन बंसल
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (संपादक)। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आने वाला बल्लभगढ़ इन दिनों प्रदूषण का हॉट स्पॉट बन चुका है। यहां आईएमटी और सेक्टर-58 में लगी औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले प्रदूषण के चलते लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। वीरवार को बल्लभगढ़ का एक्यूआई 353 दर्ज किया गया जबकि फरीदाबाद का ओवरऑल 263 दर्ज किया गया है। सेक्टर-62 का प्रदूषण स्तर मध्यम श्रेणी में रहा यहां का एक्यूआई 113 दर्ज किया गया। बल्लभगढ़ और स्मार्ट सिटी में कोहरे के दस्तक देने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी खराब स्थिति में पहुंच गया है। कोहरे की वजह से सुबह के समय विजिबिल्टी आधा किलोमीटर से भी कम रहती है। इसके अलावा हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार और वीरवार को हवा की रफ्तार 5 किलोमीटर प्रति घंटा रही, इससे प्रदूषण अधिक समय तक वातावरण में रहने का अवसर मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले शुक्रवार से घने कोहरे की आशंका जताई जा रही है। कोहरे का प्रभाव दिसंबर और जनवरी में दिखाई देगा, जबकि तापमान में पांच डिग्री से भी काम हो सकता है। बुधवार को और वीरवार को अधिकतम तापमान में 23 और न्यूनतम में 6 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया मौसम विभाग के अनुसार 22 दिसंबर तक सबसे अधिक ठंड दिन होने की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा दी गई सूचना के आधार पर आने वाले दिनों में भयंकर कोहरा और ठंड पडऩे की संभावना है जिसकी वजह से प्रदूषण भी काफी अधिक बढ़ सकता है। बढ़ती ठंड से बचने के लिए वरिष्ठ डॉक्टर विजेंद्र पाल सिंगला ने कहा कि बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचा के रखें। गर्म पानी का सेवन करें और गर्म कपड़े पहन कर ही बाहर निकले साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारों ने कहा है कि बढ़ते प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क का प्रयोग करें ताकि प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य पर असर ना डाल सके।
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कैप्शन : बल्लभगढ़ में राशन डिपो की दुकान पर लगी लम्बी कतारें। छाया : नितिन बंसल
राशन डिपोधारकों की मनमानी से लोगों को नहीं मिल रहा समय पर राशन
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। राशन डिपो संचालकों की लापरवाही के चलते बल्लभगढ़ में कार्डधारकों को समय पर राशन नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनमें रोष व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि शहर के गरीब परिवार के लोग जिनको सरकार ने पीला कार्ड सफेद कार्ड बनाया हुआ है जिससे वह सरकार द्वारा दिए जा रहे राशन पर निर्भर रहते हैं और उसी से अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन राशन डिपो धारको द्वारा राशन वितरण कार्य में काफी समय से गड़बड़ी देखने को मिल रही है। डिपो धारको द्वारा गरीबों को कई बार राशन कम दिया जाता है और कई बार तो राशन के सामान में ही मिलावट की जाती है। बल्लभगढ़ क्षेत्र और फरीदाबाद के आसपास क्षेत्र को मिलाकर एक साल में 25 फ़ीसदी शिकायतें आ चुकी है लेकिन उन शिकायतों का समाधान नहीं हुआ है और ना ही कार्रवाई की गई केवल औपचारिकता ही की गई है। साल 2023 में जहां करीब 300 शिकायत अधिकारियों के पास पहुंची थी वहीं वर्ष 2024 में यह शिकायतें बढक़र 365 पहुंच गई है। सबसे अधिक शिकायत समय पर राशन नहीं मिलने की दर्ज की गई है और साथ ही उपभोक्ताओं को राशन पूरा नाम मिलने की भी शिकायत है मिले हैं वहीं कुछ स्थानों पर डिपोधारको द्वारा राशन नहीं देने की शिकायत सामने आई है जिन पर कार्रवाई भी हुई है। बुधवार को सरकार ने पलवल बडौली में राशन में रेट मिलने के मामले में सहायक खाद आपूर्ति अधिकारी चांद सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके बावजूद भी डिपोधारकों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है जिससे लोग भेद परेशान है। जिले में डिपो धारकों द्वारा राशन वितरण के दौरान कई बार लापरवाही सामने आई है कहीं लोगों को समय पर राशन नहीं बांटा जाता तो कहीं पूरा राशन नहीं दिया जाता। कई राशन डिपो पर सरकार राशन डिपो के बोर्ड भी नहीं लगे हैं। इसका खुलासा पिछले दो वर्षों में खाद्य आपूर्ति विभाग के पास पहुंची दर्जन ऑनलाइन शिकायतों में हुआ है। इस प्रकार की शिकायतों में लगाम लगने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर द्वारा नियमित रूप से दीपों पर छापेमारी भी की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। पिछले दिनों की बात राजीव कॉलोनी में एक डिपो पर गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की गई। इसी प्रकार बल्लमगढ़ क्षेत्र में भी कई डिपो होल्डरों पर भी कार्रवाई की गई है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरीश भारद्वाज का कहना है कि डिपो धारक सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से मिली भगत के चलते गरीबों के राशन पर गड़बड़ी करते हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री द्वारा भी केवल औपचारिकता के लिए ही कार्रवाई की जाती है इन पर लगाम लगाने में खाद्य मंत्री की कार्रवाई फैल साबित हो रही है। बल्लभगढ़ शहर के रहने वाले कई कार्ड धारकों से बात की तो भाटिया कॉलोनी में रहने वाले दिनेश चौहान, फूल सिंह चौहान, रघुवीर सिंह सोलंकी, मनोज प्रजापति, दिनेश कुमार ने बताया कि वह कई बार डिपो पर अपना राशन लेने जाते हैं तो हमेशा उन्हें काम ही राशन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत एसडीम ऑफिस के ऊपर स्थित खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की है लेकिन कोई भी समाधान नहीं हुआ। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार फरीदाबाद जिले में 4 लाख राशन कार्ड धारक है जिले में 3 लाख 67 हजार बी पी एल और 6252 एएआई कार्ड धारक है इन्हें 650 राशन डिपो के माध्यम से राशन वितरण किया जाता है बीपीएल कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन दिया जाता है जबकि एएवाई कार्ड धारकों को प्रति परिवार 35 किलो राशन बांटा जाता है। लगभग 2 वर्षों में 25 डिपो पर तुरंत कार्रवाई कर उन्हें बंद करवाया गया है जिनकी शिकायत खाद एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को शिकायत मिली थी वर्ष 2023 में 12 और 2024 में 13 डिपो के लाइसेंस रद्द किए गए हैं वहीं 24 डिपो की 20-20 हजार रुपए की सुरक्षा राशि को जब्त कर लिया गया पिछले दिनों भी कई डिपो के लाइसेंस रद्द किए गए इसके बावजूद भी बल्लभगढ़ शहर में डिपो धारकों द्वारा राशन कार्ड आधार कार्ड को पूरा राशन नहीं दिया जा रहा बल्लमगढ़ में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी शिकायत मिलने के बावजूद भी ऐसे डिपो धारकों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यू तो जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी सीमा शर्मा का कहना है कि लोगों की शिकायत पर गंभीरता से काम करते हुए हम ठीक उतार को द्वारा राशन वितरण में गड़बड़ी मिलने पर सख्त कर की जारी है और साथ ही उनके लाइसेंस भी रद्द किए जा रहे हैं अगर इसके बावजूद भी डिपो धारक बाज नहीं आते तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। बल्लभगढ़ में मौजूद डिपो धारकों से बात की तो उन्होंने बताया कि उनको पीछे सप्लाई में ही 100 किलो के कट्टे में 95 किलो गेहूं मिलता है जिसके चलते वह आगे भी राशन काम देने पर मजबूर होते हैं। राशन कार्ड धारकों ऑन में से एक उपभोक्ता ने बताया कि राशन डिपो होल्डर उन्हें तेल नहीं देते हैं। डिपो होल्डर के पास तेल होते हुए भी वह उपभोक्ताओं को तेल देने से मना करते हैं। उपभोक्ताओं ने पंजाब केसरी संवाददाता से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इसकी शिकायत कई बार बल्लभगढ़ में मौजूद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की अधिकारी को की है लेकिन डिपो धारकों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।
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